कितना ख़तरनाक है HMPV वायरस: डरें नहीं जागरूकता बढ़ाए वायुमंडल में मौजूद हैं अनेक वायरस आसानी से नहीं लेते महामारी का रूप ‌Jagriti PathJagriti Path

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Tuesday, January 7, 2025

कितना ख़तरनाक है HMPV वायरस: डरें नहीं जागरूकता बढ़ाए वायुमंडल में मौजूद हैं अनेक वायरस आसानी से नहीं लेते महामारी का रूप ‌

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HMPV




क्या वायरस viruses कैसे हमारे शरीर को प्रभावित करता है?


आजकल एक वायरस के बारे में खबरें तेजी से फ़ैल रही है जिसको लेकर लोगों में भय का माहौल है हालांकि पृथ्वी और वायुमंडल में लाखों प्रकार के वायरस है जिसमें कुछ की पहचान हुई है तथा अनेक वायरस की अभी तक पहचान भी नहीं हुई है। हालांकि अनेक प्रकार के वायरस है जो स्वस्थ्य मानव शरीर में प्रवेश कर अपना प्रभाव दिखाते हैं वायरस मानव शरीर को प्रभावित करने के लिए विभिन्न प्रक्रियाओं का उपयोग करता है। यह प्रक्रिया संक्रमण (infection) के माध्यम से शुरू होती है, जिसके दौरान वायरस शरीर की कोशिकाओं को नियंत्रित कर लेता है और अपने आप को पुनरुत्पादित करता है। वायरस शरीर में बढ़ने (गुणा करने) की क्षमता खुद से नहीं होती इसके लिए उन्हें मानव कोशिकाओं की मदद लेनी पड़ती है। वायरस शरीर की कोशिकाओं का उपयोग करके अपनी संख्या बढ़ाता है। इसे वायरल प्रतिकृति (Viral Replication) कहा जाता है। वायरस पहले कोशिका में प्रवेश (Attachment and Entry) करता है 
यह कोशिका की सतह पर मौजूद रिसेप्टर प्रोटीन से जुड़ता है।
इसके बाद वायरस कोशिका की झिल्ली से होकर अंदर चला जाता है। इसके बाद वायरस का अनपैकिंग (Uncoating) प्रक्रिया से गुजरता है जिसमें यह कोशिका के अंदर पहुंचने के बाद वायरस अपनी बाहरी परत (कवरिंग) हटा देता है।
इसके अंदर मौजूद जेनेटिक मैटेरियल (DNA या RNA) कोशिका के अंदर सक्रिय हो जाता है। यहां वायरस का DNA या RNA कोशिका की मशीनरी (राइबोसोम और एंजाइम) को नियंत्रित करता है। यह कोशिका को निर्देश देता है कि वह वायरस के जेनेटिक मैटेरियल और प्रोटीन का निर्माण करे।
फिर यहां नए वायरस का निर्माण (Assembly) होना शुरू होता है कोशिका के अंदर वायरस के नए कण (viral particles) बनते हैं। इन कणों में वायरस का जेनेटिक मैटेरियल और प्रोटीन होते हैं यही से नए वायरस कोशिका से बाहर निकलते हैं। बाहर निकलने के बाद ये वायरस अन्य कोशिकाओं को संक्रमित करना शुरू करते हैं। वायरस के बढ़ने की प्रक्रिया में कोशिकाओं को नुकसान होता है।
कुछ वायरस, जैसे इन्फ्लुएंजा और कोरोना, बहुत तेजी से फैलते हैं। जबकि अन्य HIV, धीमी गति से बढ़ते हैं।

क्या HMPV वायरस ले सकता है महामारी का रूप? ज्यादातर वायरस नहीं लेते हैं महामारी का रूप 


वायरस विज्ञान के अनुसार अनेक वायरस है जो हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तथा प्रतिरक्षा प्रणाली उन्हें नष्ट कर देती है इसी प्रकार कुछ वायरस हमें सर्दी ज़ुकाम की तरह बिमार भी कर देते हैं कभी कभी हमारी प्रतिरोधक क्षमता की कमी के चलते यह गंभीर बन जाते हैं जिसके लिए हमें अस्पताल से उपचार की आवश्यकता पड़ती है। कुछ मध्यम वायरस ही महामारी का कारण बनते हैं या इनका म्यूटेशन महामारी का कारण बनता है ।
वायरस महामारी (Pandemic) का रूप तब लेते हैं जब वे बड़े पैमाने पर तेजी से फैलते हैं, कई देशों और महाद्वीपों को प्रभावित करते हैं, और बड़ी संख्या में लोगों को संक्रमित करते हैं। ऐसे वायरस आमतौर पर कुछ विशिष्ट विशेषताओं के कारण महामारी बनते हैं। महामारी का रूप लेने वाले वायरस की कुछ विशेषताएं होती है जिसमें संक्रमण की उच्च दर (High Transmission Rate):नया या अज्ञात वायरस (Novel Virus):उदाहरण: SARS-CoV-2 (COVID-19), H1N1 स्वाइन फ्लू।,लंबा इनक्यूबेशन पीरियड (Long Incubation Period),व्यक्ति-से-व्यक्ति फैलाव (Human-to-Human Transmission):जैसे: HIV, COVID-19।, तथा अधिक गंभीर प्रभाव (High Severity) आदि। कुछ स्वास्थ्य विशेषज्ञों की मानें तो एस एम पी वी में महामारी का रूप लेने की क्षमता कम ही नजर आती है।


क्या है HMPV वायरस 


HMPV (Human Metapneumovirus) एक वायरस है जो श्वसन तंत्र (respiratory system) को प्रभावित करता है। यह पैरामिक्सोवायरस (Paramyxovirus) परिवार से संबंधित है यह वायरस बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले व्यक्तियों में अधिक गंभीर संक्रमण का कारण बन सकता है। HMPV को पहली बार 2001 में नीदरलैंड्स में वैज्ञानिकों ने पहचाना था। हालांकि, बाद में यह पाया गया कि यह वायरस दशकों से मौजूद था, लेकिन इसकी पहचान नहीं हो पाई थी। शोध से पता चला है कि HMPV करीब 50 से 60 साल पहले जानवरों, खासकर पक्षियों, से मनुष्यों में आया। यह वायरस पैरामिक्सोवायरस परिवार का हिस्सा है, जिसमें अन्य श्वसन वायरस, जैसे कि रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस (RSV), भी शामिल हैं।

HMPV का प्रभाव और जागरूकता:


HMPV अक्सर फ्लू और अन्य वायरल संक्रमणों की तरह दिख सकता है, इसलिए इसे पहचानना कठिन हो सकता है। यह वायरस शिशुओं और वृद्ध लोगों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना को बढ़ा सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों और डॉक्टरों के बीच इसकी पहचान और रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ रही है। यदि लक्षण गंभीर हैं, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
HMPV वायरस आमतौर पर सामान्य सर्दी-जुकाम जैसी बीमारी पैदा करता है, खासकर बच्चों में। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, और सांस लेने में तकलीफ शामिल हो सकते हैं।


कितना ख़तरनाक है HMPV ?


HMPV वायरस से ज्यादा डरने की जरूरत नहीं है हमें पता चला है कि यह पहले से ही मौजूद हैं तो डरने की जरूरत नहीं है ज्यादातर मामलों में हल्का: ज्यादातर स्वस्थ लोग इसके संक्रमण से आसानी से उबर जाते हैं।
हालांकि शिशुओं और बुजुर्गों के लिए अधिक जोखिम है शिशुओं, बुजुर्गों और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याओं वाले लोगों के लिए यह थोड़ा अधिक गंभीर हो सकता है। यह वायरस कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है।

HMPV के लक्षण:


HMPV संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी से लेकर गंभीर श्वसन संक्रमण तक हो सकते हैं। इनमें शामिल हैं:

1. हल्के लक्षण:

नाक बहना या बंद होना,गले में खराश,खांसी
,बुखार,थकान

2. गंभीर लक्षण:

सांस लेने में कठिनाई,घरघराहट (wheezing),ब्रोंकियोलाइटिस (bronchiolitis) – श्वसन मार्ग की सूजन,निमोनिया (pneumonia) फेफड़ों में संक्रमण

HMPV का संचरण:


HMPV एक अत्यधिक संक्रामक वायरस है और यह निम्नलिखित तरीकों से फैलता है: संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से: जैसे कि खांसने या छींकने से।
संक्रमित सतहों को छूने से: जैसे दरवाजे के हैंडल, खिलौने, आदि, और फिर अपनी आंख, नाक, या मुंह को छूना।
संक्रमित बूंदों के संपर्क से: हवा में खांसने या छींकने से वायरस फैल सकता है।

किन्हें अधिक जोखिम है?


यह वायरस 5 साल से कम उम्र के बच्चे तथा बुजुर्ग लोगों के लिए समस्या पैदा करता है। हालांकि प्रतिरक्षा प्रणाली इस वायरस को खत्म करने में सक्षम होती है।
क्रॉनिक बिमारियों वाले लोग (जैसे अस्थमा, दिल की बीमारी) तथा कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को विशेष सावधानी की जरूरत होती है।

उपचार और रोकथाम:


HMPV के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है। उपचार लक्षणों को प्रबंधित करने और संक्रमण को कम करने पर केंद्रित है।
चिकित्सा विशेषज्ञ बुखार और दर्द के लिए पेरासिटामोल या इबुप्रोफेन का उपयोग करने की सलाह देते हैं साथ साथ तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना आदि।

HMPV रोकथाम: एवं सावधानियां 


•नियमित रूप से हाथ धोना
•खांसने और छींकने के दौरान मुंह और नाक को ढंकना
•संक्रमित व्यक्तियों से संपर्क से बचना
•सामान्य सतहों को नियमित रूप से साफ करना

सावधानी बरतें: खांसी या छींकते समय मुंह और नाक ढकें, नियमित रूप से हाथ धोएं, और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें।
डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आपको या आपके बच्चे को HMPV के लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से संपर्क करें।
अधिक जानकारी के लिए:
स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट: ताज़ा अपडेट और सलाह के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट देखें।



अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है और किसी भी तरह से चिकित्सकीय सलाह नहीं है। किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। वायरस को लेकर किसी भी भ्रामक जानकारी से बचें डरें नहीं चिकित्सा विशेषज्ञ स्वास्थ्य से जुड़े विभाग की सलाह के अनुसार स्वास्थ्य का ख्याल रखें। 


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