कोरोना: दहशत में अनसुना सचJagriti PathJagriti Path

JUST NOW

Jagritipath जागृतिपथ News,Education,Business,Cricket,Politics,Health,Sports,Science,Tech,WildLife,Art,living,India,World,NewsAnalysis

Monday, March 23, 2020

कोरोना: दहशत में अनसुना सच


Corona virus symptoms safety
Covid 19


कोरोना: दहशत में अनसुना सच

कोरोनावायरस की संरचना एवं इतिहास


कोरोना वायरस किसी एक प्रकार के वायरस का नाम नहीं है।कोरोना वायरस का एक पूरा परिवार है, जिसे कोरोनवीरिडे कहा जाता है। सामान्य जुखाम में रहीनोवायरस और कोरोनावायरस दोनों मिलकर बदलते मौसम और सर्दियों में अक्सर संक्रमित करते हैं जो कि श्वास नली की म्युक्स झिल्ली में सूजन यथा नासाकोश को अवरूद्ध करते हैं।  इनमें से कुछ सामान्य सर्दी जुखाम का कारण बनते हैं । कुछ खतरनाक भी होते हैं। वहीं जो नया कोरोना वायरस(कोविड 19) सामने आया  है, इसके बारे में कुछ महीनों पहले तक जानकारी नहीं थी। वहीं कोरोना का अर्थ लैटिन में 'ताज' होता है। क्योकि इस आर एन ए वायरस की ऊपरी संरचना पर ताजनुमा उभार पाये जाते हैं। लेकिन ताज के नाम से यह कुख्यात वायरस आज दुनिया में खलबली मचा दी है।      यही विषाणु जो स्तनधारियों और पक्षियों में रोग के कारक होते हैं। मानवों में यह श्वास तंत्र संक्रमण के कारण होते हैं, जो अधिकांश रूप से मध्यम गहनता के लेकिन कभी-कभी जानलेवा होते हैं। गाय और सूअर में यह अतिसार और मुर्गियों में यह ऊपरी श्वास तंत्र के रोग के कारण बनते हैं। इनकी रोकथाम के लिए कोई टीका (वैक्सीन) या वायररोधी (antiviral) अभी उपलब्ध नहीं है और उपचार के लिए प्राणी की अपने प्रतिरक्षा प्रणाली पर निर्भर करता है और रोगलक्षणों जैसे कि निर्जलीकरण या डीहाइड्रेशन, ज्वर, ,श्वास तकलीफ आदि का उपचार किया जाता है ताकि संक्रमण से लड़ते हुए शरीर की शक्ति बनी रहे। या उसे रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाली दवाईयां दी जाती है। वर्तमान में एड्स और मलेरिया और स्वाइन फ्लू की दवाईयां देकर भी इसके संक्रमण को रोका जा सकता है।
चीन के वूहान शहर से उत्पन्न होने वाला  नोवेल कोरोनावायरस इसी समूह के वायरसों का एक उदहारण है।
कोरोना को मुख्य रूप से 1960  में मनुष्यों में पाया गया था।

कोविड-19 क्या है किसने किया नामकरण?

कोरोना वायरस के कारण होने वाली बीमारी को WHO ने 'कोविड-19' नाम दिया गया है।हालांकि ये नाम यह नहीं बताता है कि वायरस पहले कहां उभरा था कैसे स्थानान्तरण हुआ।

किसको है कितना खतरा


Covid19
Covid

कोरोना वायरस सामान्य हैं और यह संक्रमण अक्सर उन रोगियों में हानिकारक होता है जो केवल बुखार, खांसी और सांस की तकलीफ जैसे फ्लू के लक्षण विकसित करते हैं।यह वायरस बच्चों और युवाओं की अपेक्षा वृद्ध व्यक्तियों में तथा अन्य बिमारियों जैसे दमा, मधुमेह, यकृतशोथ, ह्रदय की बिमारियों से ग्रसित रोगियों के लिए अधिक खतरनाक है।


कोरोनावायरस का जीवनकाल

Life of Corona
Covid


सामान्यतः वायुमण्डल में 3-4 घण्टे , प्लास्टिक की वस्तुओं पर 3-4 दिन , तांबे की वस्तुओं पर 4-5 घण्टे , स्टील पर 72 घण्टे तथा कपड़ों और आर्द्र स्थानों में 8-9 घण्टे की संभावना रहती है हालांकि डाक्टरों और वैज्ञानिकों ने ऐसा कोई निश्चित शोध करके नहीं पाया है जिससे निश्चित जीवनकाल का समय बता सके। हम जानते वायरस हमेशा किसी प्राणी के शरीर के बाहर मृत अवस्था में ही होते हैं यह किसी प्राणी के शरीर में प्रवेश करने के बाद सक्रिय होते हैं। कितने तापमान पर नष्ट हो जाते हैं यह भी अपने आप में बड़ा सवाल है ? कुछ लोग मानते हैं कि अधिक तापमान पर यह नष्ट हो जाते हैं। यह गलतफहमी दूर कर दें कि अधिकांश वायरस पृथ्वी पर अधिक तापमान वाले स्थानों पर आसानी से नष्ट हो जाते हैं लेकिन कोरोनावायरस 30-40 डिग्री सेल्सियस पर भी मौजूद रह सकते हालांकि गर्म स्थानों में इसकी संख्या में कमी जरूर आ जाती है। हां 60-70 डिग्री सेल्सियस ताप पर जरूर नष्ट हो जाता हैं लेकिन सामान्यतः इतना तापमान पृथ्वी की सतह या पृथ्वी पर किसी प्राणी का नहीं है।

क्या हैं कोविड 19 के लक्षण?

Covid symptoms
Symptoms


इसके लक्षण फ्लू से मिलते-जुलते हैं। संक्रमण के फलस्वरूप बुखार, जुकाम, सांस लेने में तकलीफ, नाक बहना और गले में खराश जैसी समस्या उत्पन्न होती हैं।यह वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। कुछ मामलों में कोरोना वायरस घातक भी हो सकता है।
कोरोना वायरस (COVID-19) की पहचान, बहती नाक, गले में खराश, खांसी, और बुखार जैसे लक्षणों से होती है।
सामान्य लक्षण-बहती नाक,गले में खराश,  खांसी, बुखार, सांस लेने में दिक्कत 

कैसे बचें :क्या करें और क्या ना करें

Covid sefty
Sefty


क्या करें ?

अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता पर ध्यान दें।
एक दूसरे से दूरी बनाए रखें।
छींकने और खांसने के दौरान अपना मुंह जरूर ढंकें।
जब आपके हाथ गंदे दिखें, तब अपने हाथों को साबुन और पानी से जरूर धोएं।
जब आपके हाथ स्पष्ट रूप से गंदे न हो, तब भी अपने हाथों को हैंड वॉश से जरूर धोएं.श।
प्रयोग के बाद टिशू को तुरंत किसी बंद डिब्बे में फेंक दें।
अस्वस्थ होने पर डॉक्टर से मिलें।
अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूने से बचें।
बुखार-खासी-सांस लेने में तकलीफ हो तो डॉक्टर से संपर्क करें।
खूब पानी पिएं। पोष्टिक आहार  लें। 
रोजमर्रा उपयोग आने वाली वस्तुओं को अल्कोहल युक्त तरल से साफ करें या सेनेटाइज करें।

क्या ना करें ?

 खांसी या बुखार है तो किसी के संपर्क में ना आएं।
सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकें ना ही गन्दगी करें।
जीवित पशुओं से संपर्क, कच्चे-अधपके मांस के सेवन से बचें।
जीवित पशुओं के बाजार या फिर जानवर का वध किए जाने वाले स्थान पर ना जायें।
भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें।
बाजार का बना बनाया भोजन न करें।
नाक और मुंह को ना छूएं।
अपने नाखूनों को दांतों से ना चबायें।
अज्ञात। स्थानों से आयी वस्तुओं को  स्पर्श करने से बचें।
किसी संदिग्ध व्यक्ति से हाथ ना मिलाने और आलिंगन करने से बचें।

कैसे होता है कोविड 19 का निदान

Covid diagnostic
Diagnostic


संदेह और लक्षणों के आधार पर व्यक्ति की पहचान.
 पहचान के बाद सैंपल लेना और सेंपल को टेस्ट के लिए भेजना
अगर सैंपल नेगेटिव हुआ तो डॉक्टर की सलाह के बाद मरीज को तुरंत छोड़ा जा सकता है अन्यथा 14 दिन डाक्टरों की  देखरेख में भी रखा जा सकता है।
अगर सैंपल पॉजिटिव हुआ तो  कोरोना को लेकर जो प्रोटोकॉल जारी किया गया, उसका पालन होगा। डाक्टरों द्वारा मरीज की शारीरिक स्थिति और मेडिकल सुविधाओं से उपचार किया जायेगा।
चेस्ट रेडियोग्राफ के क्लियर होने, स्पेसिमेंस के नेगेटिव होने के 24 घंटे बाद ही मरीज को छोड़ा जा सकता है।


क्या है कोविड 19 का उपचार

Covid treatment
treatment


हालांकि कोविड19 के लिए कोई निश्चित टीका (वेक्सीन) उपलब्ध नहीं है। प्रतिजैविक दवाओं से उपचार किया जाता है।
कोरोना वायरस के इलाज के लिए दुनिया भर के वैज्ञानिक टीके और दवा की खोज में लगे हुए हैं। इस बीच राहत की खबर यह है कि पहले से मौजूद दूसरी बीमारियों की सात दवाएं इस बीमारी के उपचार में फायदेमंद पाई गई हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस दवाओं के भी विस्तृत परीक्षण शुरू कर दिए हैं। इनमें से दो दवाओं को इस्तेमाल करने की सलाह भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने भी डॉक्टरों को दी है। 
'इंटनेशनल जर्नल ऑफ एंटीमाइक्रोबियल एजेंट' में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन के साथ एक एंटीबॉयोटिक एजिथ्रोमाइसिन देने से कोविड का तेज इलाज हो रहा है। शोध में पाया गया है कि क्लोरोक्वीन से करीब 25 फीसदी मरीज छह दिन में कोविड-19 के मरीज ठीक हो रहे हैं। तुलना उन मरीजों से की गई, जिन्हें अन्य दवाएं दी गई। क्लोरोक्वीन के साथ एजिथ्रोमाइसिन देने से परिणाम और बेहतर हैं। वर्ना उपचार में करीब 22 दिन का समय लगता है।

चार चरण (स्टेज) तथा महामारी की स्थिति


1.पहले चरण में विश्व में किसी भी स्थान (जहां इसकी शुरुआत  हूई)  में लोग  कोरोनावायरस से संक्रमित  संक्रमित पाए जाते हैं।

2.दूसरे चरण में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैलता है, लेकिन ये वे लोग होते हैं जो किसी ना किसी ऐसे संक्रमित शख़्स के संपर्क में आए जो पहले से संक्रमित था।
इस चरण में विश्व के अन्य देशों में स्थान्तरित हो जाता है।

3.तीसरा चरण  थोड़ा ख़तरनाक स्तर है 'कम्युनिटी ट्रांसमिशन' का, जो किसी भी देश या राज्य में एक बड़े समुदाय में फैल जाता है।
कम्युनिटी ट्रांसमिशन तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी ज्ञात संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए बिना या वायरस से संक्रमित देश की यात्रा किए बिना ही इसका शिकार हो जाता है।
 4.चौथा चरण होता है, जब संक्रमण स्थानीय स्तर पर महामारी का रूप ले लेता है। बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हो जाते हैं उपचार और मेडिकल सुविधाएं कम पड़ जाती है  तथा बड़ी संख्या में लोग मौत के मुंह में चले जाते हैं।
 इसके चरम सीमा कि बात करें तो यह स्टेज बहुत भयानक होता है फिर कब और कैसे रोका जाए यह कल्पना भी नहीं की जा सकती ।


कोरोना प्रभावित विश्व जगत


कोरोनावायरस को वैश्विक ‌महामारी घोषित कर दिया है मतलब यह पूरे विश्व में फैल चुका है लेकिन सबसे अधिक प्रभावित देश  चीन ,इटली ,ईरान ,दक्षिण कोरिया  ,स्पेन  ,फ्रांस ,अमेरिका,जापान ,यूनाइटेड किंगडम 
,इराक हुए हैं। लेकिन इससे किसी राष्ट्र का बचना मुश्किल है। हालांकि वो ही राष्ट्र अछूते रह सकते हैं जो संक्रमित देशों से बिलकुल संबंध नहीं रख रहे हों और दूर समुद्री टापू की तरह हो जिसका विश्व के अन्य देशों से आवागमन न के बराबर हो लेकिन आज के वैश्विक संबथों और यातायात तकनीकी की वजह से ऐसा कोई उदाहरण नहीं है।

अन्य प्रभाव
इस वायरस से हवाई यात्रा, शेयर बाज़ार, वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं सहित लगभग सभी क्षेत्र प्रभावित हो रहे हैं।
यह वायरस अमेरिकी अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है, जबकि इसके कारण चीनी अर्थव्यवस्था पहले से ही मुश्किल स्थिति में है। इन दो अर्थव्यवस्थाओं, जिन्हें वैश्विक आर्थिक इंजन के रूप में जाना जाता है, संपूर्ण वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती तथा आगे जाकर मंदी का कारण बन सकता है।





No comments:

Post a Comment


Post Top Ad