भ्रामक और बनावटी सूचनाओं का बढ़ता दुष्प्रचारJagriti PathJagriti Path

JUST NOW

Jagritipath जागृतिपथ News,Education,Business,Cricket,Politics,Health,Sports,Science,Tech,WildLife,Art,living,India,World,NewsAnalysis

Sunday, February 9, 2020

भ्रामक और बनावटी सूचनाओं का बढ़ता दुष्प्रचार


It cell and information technology problem
It cell and information technology problem


सूचना तकनीकी के विकास के परिणामस्वरूप आज हर क्षेत्र में इसका इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। शिक्षा, चिकित्सा, विज्ञान, बाजार, व्यापार आदि में सूचना प्रौद्योगिकी के कुछ नकारात्मक दूरूपयोग के साथ-साथ बहुत सकारात्मक परिणाम भी सामने आये है। इंटरनेट का जमाना है तो इस तकनीक का उपयोग तेजी से बढ़ना स्वभाविक है। सूचना प्रौद्योगिकी आज अभिव्यक्ति के तीव्र प्रचार-प्रसार में अगर इतनी प्रभावी और कारगर है तो भला राजनीतिक खेमा और दलीय विचारधाराओं के मुद्दे इससे अछूते कैसे रह सकते हैं?  पहले राजनीतिक दलों द्वारा अपने संवाद समाचार पत्रों के माध्यम से जनता तक पहुंचाये जाते थे तथा आम लोगों की बात भी बहुत सीमित ही राजनीतिक मंच तक पहुंच पाती थी। लेकिन अब बड़ी मात्रा में युवा वर्ग जब इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग का उपयोग करने लगे तो राष्ट्रीय पार्टियों और छोटे-बड़े क्षेत्रीय दलों ने अपनी लोकप्रियता बढ़ाने और प्रचार-प्रसार के लिए सूचना तकनीकी का सहारा लेकर अपने-अपने आई टी सेल बना लिए हैं जो दिन रात उनकी लोकप्रियता बढ़ाने और उनके एजेंडे लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे है। वर्तमान सूचना प्रौद्योगिकी के युग में सोशल मीडिया भी सुचनाओं के आदान प्रदान का सशक्त माध्यम बन गया है इसलिए चुनाव प्रचार तथा अपने प्रोपेगंडा को जनता तक पहुंचाने में आज सूचना तकनीकी का अंधाधुंध इस्तेमाल हो रहा है। साथ ही इसका जानबुझकर गलत प्रयोग भी होने लगा है जिससे हमारे देश में सामाजिक सौहार्द बिगड़ते के साथ-साथ अशांति का माहौल बन रहा है। हालांकि आईटी कानून यानी सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों के बीच होने वाली सूचना, जानकारी और आंकड़ों के आदान प्रदान पर निगरानी का काम कर रहा है।इसी कानून में एक धारा है 66  जिसमें झूठे और  आपत्तिजनक संदेश भेजने पर सजा का प्रावधान है। इस धारा के तहत कंप्यूटर और संचार उपकरणों से ऐसे संदेश भेजने की मनाही है जिससे परेशानी, असुविधा, खतरा, विघ्न, अपमान, चोट, आपराधिक उकसावा, शत्रुता या दुर्भावना होती हो। हालांकि कानून के तहत बनाए गए आईं टी सेल सीधे अपनी साइट या पेज पर गलत जानकारी नहीं फैला सकते हैं लेकिन आई टी सेल में काम करने वाले लोगों का एक नेटवर्क है जो बड़ी साइट्स से सोशल मीडिया तक  कार्यकर्ताओं की एक फौज तैयार की जाती है। इसी फौज में अधिकतर युवा वर्ग शामिल है जो अपने नेता या पार्टी को लोकप्रिय बनाने हेतु जानकारी को तोड़-मरोड़ कर पेश करते रहते हैं हिंसक भाषा और विपक्ष के लिए भद्दे शब्दों का प्रयोग करते हैं।  विपक्षी खेमे को कमजोर करने के उद्देश्य से आम लोगों की मानसिकता बदलने के लिए कानून विरोधी और अनैतिक सामग्री का निर्माण और प्रचार-प्रसार करते हैं। किसी व्यक्ति को नीचा दिखाने की कोशिश में उसकी मूल बात के साथ बनावटी आवाज तथा चित्र संपादन भी करते हैं। इस तरह के कार्य करवाने में कहीं न कहीं किसी आई टी सेल से जुड़े अनुभवी लोगों का हाथ होता है।
चुनाव के लिए अपने नेता और पार्टी की लहर चलाने के लिए आईटी सेल मुख्य भूमिका निभा रहा है। कुछ दलों के आईटी सेल सोशल मीडिया में अपने नेता को जीरो से हीरो बनाने के लिए इस तरह झूठ फैलाया जाता है,  लोग उसे सही मान लेते हैं। इसके अलावा इस चुंगल में सिर्फ पार्टी समर्थक ही नहीं आते बल्कि देश की भोलीभाली जनता भी इनके चुंगल में फंस जाती है।
सोशल मीडिया में हमने कई बार देखा है कि, कुछ पार्टियां आईटी सेल के माध्यम से झूठे प्रोपेगंडा फैलाती है। आई टी सेल से जुड़े अप्रत्यक्ष युवा सोशल मीडिया में झूठ फैलाने के लिए सबसे ज्यादा फोटो एडिटिंग का इस्तेमाल करते है। आज हम सोशल मीडिया पर आये दिन देखते जिसमें आपत्तिजनक फोटो विडियो तेजी से वायरल किये जाते हैं जिसमें किसी नेता, महापुरुष आदि के बारे कटु भाषा का प्रयोग किया जाता है। इसी प्रकार सूचना तकनीकी के दूरूपयोग के चलते सोशल साइट्स पर लोगों में कमेन्टबाजी होती है फिर यही क्रिया प्रतिक्रिया गाली गलौज तक पहुंचकर हिंसा का रूप लेती है। इसके परिणाम हम सरकार के किसी कानून या अध्यादेश के खिलाफ आन्दोलन में देखते हैं। लोग सोशल मीडिया की भ्रामक जानकारी के शिकार बनकर किसी बात को धर्म से जोड़ देते हैं जो कि बवाल का कारण बन जाता है। इन दिनों सीएए कानून के विरोध में लोग हिन्दू मुस्लिम करके आमने-सामने हो गये है। सही जानकारी का प्रचार करके लोगों की बात सुनने समझने की जगह सोशल मीडिया पर हिंसक और डर का माहौल पैदा किया जाता है। इस पूरे मामले में आई टी सेल की जिम्मेदारी बनती है कि उनसे जुड़े लोगों को सही और राष्ट्र हित से जुड़ी सामग्री परोसी जाए ताकि देश में शान्ति व्यवस्था बनी रहें।

No comments:

Post a Comment


Post Top Ad